गुरुवार, 12 दिसंबर 2013

परिचित-अपरिचित



परिचित
जगहों में
लोग अपरिचितों की तरह बरतते हैं

टकराते हैं
अपरिचित
जगहों पर
तो परिचितों की तरह मिलते हैं।
0 राजेश उत्‍साही 

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