गुरुवार, 24 फ़रवरी 2011

खोया हुआ पेन


एक खास पेन
खो गया है
पता नहीं खास वह
क्‍यों है?

इसलिए क्‍योंकि पारकर था
या कि
दिया था किसी खास ने?
हां इतना पता है
कि एक याद है वह !

याद
कि किसी से इक्‍कीसवें बसंत
पर मिला उपहार

याद
कि परीक्षा में होकर पास
पाया होगा आर्शीवाद

याद
कि लिखा होगा उससे ही
पहला प्रणय निवेदन

याद
कि लिखा गया होगा उससे ही
जिन्‍दगी का खासमखास फैसला

याद
कि रहता होगा जेब में
दिल के पास
पेसमेकर की तरह

जो भी हो
है वह खास पेन
इससे कोई फर्क नहीं पड़ता
कि वह पारकर है
या पार किया हुआ
या कि दिया है किसी खास ने। 

इसलिए
मैरून कलर का वह पेन
जिस किसी को भी मिले
लौटाए सही सलामत
उसे खोने वाले को
ताकि बनी रहे
वह खास याद !

0 राजेश उत्‍साही

सोमवार, 7 फ़रवरी 2011

प्रेम : एक निवेदन


तुम
अपने द्वार पर लगे
पौधों को रोज देती हो पानी
सींचती हो
ताकि वे-
कुम्‍हला न जाएं,मुरझाएं न
खिले रहें।

तुम
अपने द्वार पर लगे
पौधों को रोज
दुलारती हो
झाड़ती हो धूल उनकी
बीनती हो कूड़ा-करकट क्‍यारी से,
ताकि वे-
महसूस न करें,एकाकीपन ।

तुम
अपने द्वार पर लगे
पौधों को रोज
देती हो पोषक तत्‍व,
ताकि वे-
फूलें-फलें
शोभा बढ़ाएं द्वार की
सुंगधित करें वातावरण।

तुम
अपने द्वार पर लगे
पौधों को रोज
संभालती हो,
गिरते हुओं को देती हो सहारा
डालियों को देती हो दिशा
ताकि वे-
बढ़ती रहें सही राह पर।

मुझे भी
अपने द्वार का
एक पौधा मान लो न । 
  0 राजेश उत्‍साही

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