सोमवार, 8 मार्च 2010

स्‍त्री


*एक*

स्‍त्री
ही है
जो लाई है मुझे
इस दुनिया में
बनाया है जिसने अपनी
मिट्टी से गर्भ में

सोमवार, 1 मार्च 2010

फागुनी कामना


फागुन की दुपहरिया तपे,  चिकोटी काटे रात
मीत बिना बीतें घड़ी,   भली लगें ना सौगात।  

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