मारेंगे गोली, देंगे दो ताली
जनता तो है भोली भाली
भाड़ में जाए, गिरे कुएं में
या करती रहे खामख्याली
इसमें तो है हमें महारत
होली के सब रंग मुबारक
बहाएं पानी, लुढ़काएं पानी
आज कहें पर बात सयानी
सूखे रंगों से सब खेलें होली
और करें जी भरकर नादानी
हम ठहरे समाज सुधारक
होली के सब रंग मुबारक
इसको तकेंगे, उसको लखेंगे
गाली का भी स्वाद
चखेंगे
बिल लाओ संसद में कितने
हम तो कभी नहीं सुधरेंगे
क्यों बिताएं जीवन अकारथ
होली के सब रंग मुबारक
रंग की होली, भंग की होली
अमीर, गरीब, मध्यम
होली
आओ खेलें सब मिलजुल
अपने तुपने सब हमजोली
कुछ तो हों दुख नदारद
होली के सब रंग मुबारक
0 राजेश उत्साही