राजेश उत्साही
गुल्लक
यायावरी
सोमवार, 10 जून 2013
हमारे होने में
हमारे होने में
किन लोगों का हाथ है
और किनके होने में हमारा
यह
या तो हम खुद जानते हैं
या फिर खुदा
बशर्ते कि वह कहीं हो !
o राजेश उत्साही
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