बुधवार, 4 सितंबर 2013

दुनिया



हर सुबह
दुनिया कदमों तले होती है
शाम होते होते
कमबख्‍त 
कंधों पर सवार हो जाती है ।
0 राजेश उत्‍साही

8 टिप्‍पणियां:

  1. और रात को फिर उसे उतार कर रख देते हैं हम ..एक और सुबह के इंतजार में..इसी को शायद कोल्हू का बैल होना कहते हैं

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गुलमोहर के फूल आपको कैसे लगे आप बता रहे हैं न....

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