वाह .... सटीक क्षणिका
क्षणिका या जीवन !
सही कहा आपने
यह 'थोडा लिखा बहुत समझा' गया ।
sahi..har din ki yahi kahani...
और रात को फिर उसे उतार कर रख देते हैं हम ..एक और सुबह के इंतजार में..इसी को शायद कोल्हू का बैल होना कहते हैं
sundar
bhut achha likha hai aapne
गुलमोहर के फूल आपको कैसे लगे आप बता रहे हैं न....
वाह .... सटीक क्षणिका
जवाब देंहटाएंक्षणिका या जीवन !
जवाब देंहटाएंसही कहा आपने
जवाब देंहटाएंयह 'थोडा लिखा बहुत समझा' गया ।
जवाब देंहटाएंsahi..
जवाब देंहटाएंhar din ki yahi kahani...
और रात को फिर उसे उतार कर रख देते हैं हम ..एक और सुबह के इंतजार में..इसी को शायद कोल्हू का बैल होना कहते हैं
जवाब देंहटाएंsundar
जवाब देंहटाएंbhut achha likha hai aapne
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