फोटो :राजेश उत्साही |
बाजार दिवाली का सजा है
रंग बिरंगी छाई ध्वजा है
जिनकी जेब में आए हैं पैसे
असली तो उनका मजा है
खुशियों से उनका सामना है
दीपावली एक शुभकामना है
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साल भर सपने हैं देखे
बांचा करे अपने ही लेखे
साकार होने की जो बारी
गए हैं रसातल में फेंके
कहें किससे अपनी चाहना है
दीपावली एक शुभकामना है
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जमाने की रीत यही है
जो गलत है वही सही है
हम तो फर्ज पर हैं कायम
सबके सामने अपनी बही है
दामन हौसले का थामना है
दीपावली एक शुभकामना है
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दीप अपने मन का बनाएं
उर में नेह की बाती जलाएं
करकट सब जले कलुष का
समभाव का प्रकाश फैलाएं
जीवन चार दिन पाहुना है
दीपावली एक शुभकामना है
0 राजेश उत्साही