गूगल सर्च से साभार |
(1982 में लिखी गई एक और कविता)
यह है होशंगाबाद
मालवा के मुगल बादशाह
होशंगशाह का बसाया नगर
मध्यप्रदेश की जीवनधारा
नर्मदा के
किनारे बसा होशंगाबाद
सोमवती अमावस्या हो
शिवरात्रि या मकर संक्रांति
रेलें ठसाठस
भरी होती हैं
सिर पर रखे पोटलियां
कंधों पर लादे बच्चे
लोग उतरते हैं
होशंगाबाद के रेल्वे प्लेटफार्म पर
छमिया किते गई
गुड्डू कां हैं
और बड़े वीर
जा तरफ से निकल चलो
जैसी तमाम आवाजों से गूंज उठता है स्टेशन
टिकट बाबू
जो दे,वो भी जाए
जो न दे,वो भी जाए
की अदा में
खड़ा रहता है निर्विकार
सफेद पैंट और काले कोट में
बस अड्डे पर
बसों का रहा-सहा
कचूमर निकलने को हो आता है
एक के ऊपर एक
लदे-फदे लोग ठसे रहते हैं बसों में
सारे नगर की
गलियां,नर्मदा घाट तक
पटी रहती हैं जनसमूह से
कंधे छिलते हैं
और ‘भाई’ लोग मनाते हैं
मसक चौदस
फुटपाथ पर
उतर आती हैं
हिव्सकी और रम की खाली बोतलें
लोग खरीदते हैं
और भरते हैं उनमें नर्मदा जल
लगाते हैं श्रद्धा से माथे के साथ
लाल आंखों और पीली वर्दी में
नाव में सवार
घूमते रहते हैं मगरमच्छ
नर्मदा में एक सिरे से दूसरे सिरे तक
नाव के पास आते ही
सहम जाती हैं घाट पर स्नान करती महिलाएं
इंस्पेक्टर साहब
ऊपर गुरजे पर खड़े मुस्काराते हैं
अपने कारिंदों की कारगुजारी पर
अकील अहमद
कानपुर वाला
बेचता है सेठानी घाट पर
शिव की मूर्ति
शंख,आरती थाली
बड़े फन वाला तांबे का नाग
भगवान का सिंहासन,आचमनी
और पूजा पाठ
की तमाम चीजें
सरताज बानो और उसकी बहनें
जाती हैं पल्ले पार
नहाने नर्मदा में।
0 राजेश उत्साही
सच है...
जवाब देंहटाएंहोशंगाबाद में नर्मदा का उल्लास देखते ही बनता है..
सुन्दर!!!
अनु
व्यवस्था के खिलाफ ...खुला मंच ...पर सुनवाई कहां हैं ?
जवाब देंहटाएंचित्र सा खींच डाला आपने बड़े भाई.. और सदेश भी बहुत प्यारा!! सुन्दर!!
जवाब देंहटाएंशुक्रिया।
हटाएंगूगल का सुंदर चित्र कितना बौना हो गया है, इस शब्द चित्र के आगे! इस कविता को पढ़कर यह अहसास होता है कि भावों की अभिव्यक्ति के लिए तस्वीरों की नहीं, शब्दों के कमाल की आवश्यकता होती है।
जवाब देंहटाएंशुक्रिया।
हटाएंजय हो नर्मदा माई,
जवाब देंहटाएंअपने साथ कितना कुछ बहा लाई !
HOSHANGABAD KI NARMADA
जवाब देंहटाएंKE
DARSHAN
AAPANE KARA DIYE.
AABHAR !
UDAY TAMHANE
राजेश जी , "मसक चौदस" का अच्छा लाजवाब वर्णन सुनने को मिला, कभी मौका मिला तो आनंद उठाया जायेगा
जवाब देंहटाएंजी जरूर। पर पुलिस की पकड़ में आ गए तो पुलिस 'मसाज चौदस' मनाती है।
हटाएंAaj aapke blog par pahlee baar aane kaa saubhaagya praapt
जवाब देंहटाएंhua hai . Hindi kee kavitaaon mein aesaa sajeev chitran
kam hee dekhne mein miltaa hai jaesaa aapkee kavita Hoshangabad
mein Narmda ` mein hai . Achchhee kavita ke liye aapko badhaaee
aur shubh kamna .
ye kya bekar likha hai
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