शनिवार, 28 जनवरी 2012

नेता माने



आरोप-प्रत्‍यारोप
की राजनीति में लिप्‍त
एक नेता से हमने कहा,
‘‘आप क्‍यों नेता शब्‍द को बदनाम कर रहे हैं? ’’
रोष में बोल वे,‘‘बदनाम !
अरे हम तो ‘नेता’ शब्‍द को चरितार्थ कर रहे हैं।’’
हमारी समझ में कुछ नहीं आया
तब उन्‍होंने बड़े प्‍यार से समझाया,
‘‘आप जानें या न जानें
‘नेता’ का उल्‍टा होता है ‘ताने’ ।’’
               0 राजेश उत्‍साही
(कंचनप्रभा 1979 के स्‍वाधीनता विशेषांक में प्रकाशित)

17 टिप्‍पणियां:

  1. सीधे हैं तो 'गुंडे' हैं
    गर उलट गये तो 'डेंगू'।

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत खूब! वसन्त पंचमी की बधाई!

    जवाब देंहटाएं
  3. ताने ... नेता तो इससे भी आगे है ... बहुत खूब ...

    जवाब देंहटाएं
  4. वाह बहुत खूब ....सच ही तो कहा हैं ...नेता का उल्टा ताने

    जवाब देंहटाएं
  5. हम्म सही कहा...अगर नेता ऐसा काम ना करे,जिससे उसे ताने मिले...फिर नेता कैसा...

    जवाब देंहटाएं
  6. इतनी उलट पुलट मचा रखी है देश में कि उनके अर्थ भी उलट गए हैं!!

    जवाब देंहटाएं
  7. WAH - WAH
    HAWA - HAWA
    UDAY TAMHANE
    BHOPAL

    जवाब देंहटाएं
  8. वाह ! राजेश जी ! ताने से याद आया जो झूठे वादों के तम्बू कनात ताने वह नेता ' बहुत खूब !

    जवाब देंहटाएं
  9. नेता का उल्टा ताने ...
    दोष क्या , अपना संबोधन ही तो सार्थक किया ...
    बहुत खूब !

    जवाब देंहटाएं
  10. नेता--बहुत खूब !उत्तम परिभाषा ।

    जवाब देंहटाएं

गुलमोहर के फूल आपको कैसे लगे आप बता रहे हैं न....

LinkWithin

Related Posts with Thumbnails