शनिवार, 12 नवंबर 2011

जन्‍मदिन बंगलौर में


अपनी परछाईं के सामने : फोटो -राजेश उत्‍साही 

अब से
तीन बरस पहले तक
हर जन्‍मदिन पर
मां करती थीं माथे पर तिलक
उतारती थीं आरती
और बनाती थीं आटे में गुड़ घोलकर
गुलगुले

मां
वहीं हैं
मैं ही चला आया हूं
दूर उनसे

अब से
तीन बरस पहले तक
जन्‍मदिन पर
कभी बाबूजी स्‍वयं और
कभी-कभी उनका आर्शीवाद आता था
टेलीफोन की घंटी के साथ
'खुश रहो'

बाबूजी
अब नहीं हैं
मैं भी तो चला आया था
दूर उनसे

अब से
तीन बरस पहले तक
पिछले 23 बरसों से
पहली शुभकामना नीमा ही देती थीं
नीमा वहीं हैं
मैं भी वहीं हूं
भले ही चला आया हूं दूर उनसे

अब से
तीन बरस पहले तक
सुबह-सुबह गोलू-मोलू
आंख मलते-मलते
'हैप्‍पी बर्थडे पापा' कहते हुए लजाते थे

वे अब भेजते हैं
एसएमएस
क्‍योंकि नहीं हूं मैं पास उनके
चला आया हूं दूर

अब से तीन बरस पहले तक।
                0 राजेश उत्‍साही




15 टिप्‍पणियां:

  1. पर एहसास आज भी पास हैं और कहते हैं - 'हमेशा खुश रहो'

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  2. AAP DOOR HAI. PAR MAN KE PAAS HAI. @ UDAY TAMHANEY. BHOPAL.

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  3. समय के साथ स्थान बदलता जाता है... छूटते जाते हैं लोग! हृदय को छू गयी कविता!

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  4. सबसे पहले तो जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनायें…………अपने तो अपने होते है जो दिल मे रहते है उसके लिये दूरी कोई मायने नही रखती।

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  5. जन्मदिन की शुभकामनायें ... आज भी बाबूजी का आशीर्वाद का एहसास है ..यही बड़ी बात है ..

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  6. जन्म दिन की ढेर सारी शुभकामनाएं...
    निराला अंदाज।

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  7. जन्म दिन की शुभ कामनाये
    .मन की कसक आ गयी पन्नों पर
    बहुत अच्छी अभिव्यक्ति

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  8. जन्मदिन की बधाई, पर गुरुवर आपने दिल भारी कर दिया ..

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  9. सब एक साथ हों.. इसी कामना के साथ लजाते हुए हम भी कहना चाह रहे हैं हैप्पी बर्थ डे!!!

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  10. राजेश जी,...
    जन्म दिन की बहुत बहुत बधाई...
    जीवन में आना जाना तो लगा रहता है
    फिर भी माता पिता से बढ़कर किसी का
    आशीर्वाद नही ...मन को छूती सुंदर पोस्ट ...
    नए पोस्ट में स्वागत है ....

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  11. जन्‍मदिन की शुभकामनाएं ... भावमय करते शब्‍दों के बीच यह प्रस्‍तुति मन को छू गई ...।

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  12. Dear mamaji,
    Mai apko Aur apake Family ko is Nutan varsh 2012 ki Hardik shubhkamnaye deta hue Aur apki sabhi rachnaoye ke liye Bhi apako badhai deta hue apaki sabhi rachnaye kaafi achhi Aur umda darje ki hai. Mai asha karata hu ki aage bhi apaki achhi rachnaye padhane ko milingi Aur muze Bhi usase kuch Dyan prapt hoga Aur kuch Prerna Milegi aasi apase aasha karte hai. apaka Purushottam B. Kachhi, Nagpur purushottam_48@yahoo.com

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  13. mamaji krupa kar please bataiye ki aap is opetion hindi mai version mai kaise likh pate ho maine likhane ki koshish ki lekhin likh nahi paya krupaya muze bataiye

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गुलमोहर के फूल आपको कैसे लगे आप बता रहे हैं न....

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