रविवार, 30 मई 2010

दिल चि‍डि़या

चहकी दिल चि‍डि़या, कुछ खास होगा
लब पर मुस्कराहट, कुछ खास होगा

माना कि हम हैं दूर बहुत दूर, खुद से
ढूंढों कि कोई तो बहुत आसपास होगा

यूं ही नहीं तड़फता है दिल सीने में
कोई चाहने वाला कहीं उदास होगा

पास जब तक रहोगे पता नहीं चलेगा
जाओगे दूर तो यह भी अहसास होगा
                                           0 राजेश उत्साही

(बंगलौर,मई,2010)

3 टिप्‍पणियां:

गुलमोहर के फूल आपको कैसे लगे आप बता रहे हैं न....

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