चार
रहीम के दोहे हों, या कबीर की साखियां
निराला की शक्ति पूजा,दुष्यंत की पंक्तियां
सबकी एक ही जात, बस एक ही धर्म है
सबकी एक ही धरोहर, रिवाज है कविता
पांच
जमाने से हैं जो दर्द मिले
चोट,जख्म, हैं शिकवे गिले
कवि मन की जमापूंजी का
चक्रवृद्धि ब्याज है कविता
छह
दिल की आवाज है कविता
आत्मा का साज है कविता
दर्द के तूफानों को चीरकर
निकलती परवाज है कविता
बहुत खूब
जवाब देंहटाएंye kavita hi he jo sima par seniko ko sahas bharti he
जवाब देंहटाएंjitna gun gan kiya jaye kam he
Gahari anubhavon kee bhavpurn Abhivykti....
जवाब देंहटाएंBahut Haardik shubhkamnayne.....
RIWAZ HAI. KAVITA. WAH ! SMS UDAY TAMHANEY. BHOPAL. TO 9200184289
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