गुरुवार, 20 मई 2010

कुछ और परिभाषाएं कविता की


सात
समझने के लिए सबर चाहिए
बूझने के लिए नजर  चाहिए
उगता नहीं है  हर   एक से
कवि का अनाज है  कविता
आठ
बेशक उड़ाओ उपहास मेरा
रूकेगा नहीं यह प्रयास मेरा
अपनी बात हर दिल तक
पहुंचाने का अंदाज है कविता
नौ
हर रोज लिखूं, रोज गुनगुनाऊं
बार बार एक ही बात दोहराऊं
सोचना है कैसे पहुंचेगी उन तक
मेरे लिए तो रियाज है कविता

6 टिप्‍पणियां:

गुलमोहर के फूल आपको कैसे लगे आप बता रहे हैं न....

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