रोज इस जंगल से गुजरता हूं
जंगल में मेरी चीख गूंजती है पेड़-पेड़ तक
पेड़ उसे अपनी ही चीत्कार समझते हैं
और चुप रहते हैं देर देर तक
रोज इस जंगल से गुजरता हूं
रोज गुजरता हूं दरकती जमीन से
जमीन के सीने पर गिरते मेरे कमजोर कदम
बताते हैं उसे मेरी प्यास के बारे में
मिट्टी उसे अपनी ही प्यास समझती है
और,
थोड़ा और तड़क जाती है अपने में
रोज गुजरता हूं दरकती हुई जमीन से
रोज गुजरता हूं एंटालिकाओं के बीच से
एंटालिकाओं की दीवार से टकराती है मेरी हाय
वे उसे अपने में सींचे गए खून की हाय समझती हैं
और,
और थोड़ी ऊंची हो जाती हैं सतह से
रोज गुजरता हूं एंटालिकाओं के बीच से
एक दिन गुजर ही जाऊंगा
लेकिन तब भी ,
यह जंगल, जमीन और एंटालिका
आएंगे मेरे मृत सपनों में ।
0 राजेश उत्साही
(एंटालिका मेरा बनाया हुआ प्रतीक शब्द है। मुम्बई में मुकेश
अंबानी के घर का नाम एंटीलिया है। कहा जाता है कि यह हिन्दुस्तान का सबसे महंगा घर
है। इसकी लागत दस हजार करोड़ रुपए से भी अधिक बताई जाती है।)
बहुत उम्दा है ...बधाई
जवाब देंहटाएंयह एंटालिका क्या है ?
जवाब देंहटाएंएंटालिका मेरा बनाया हुआ प्रतीक शब्द है। मुम्बई में मुकेश अंबानी के घर का नाम एंटीलिया है। कहा जाता है कि यह हिन्दुस्तान का सबसे महंगा घर है। इसकी लागत दस हजार करोड़ रुपए से भी अधिक बताई जाती है।
हटाएंअट्टालिका ही है..जंगल, जमीन और अट्टालिका का दर्द भी हम सबका साझा है.
जवाब देंहटाएंअनीता जी आपने सही कहा, यह अटृटालिका के समानार्थी रूप में यहां प्रयुक्त हुआ है। पर वास्तव में एंटालिका प्रतीक शब्द है। मुम्बई में मुकेश अंबानी के घर का नाम एंटीलिया है। कहा जाता है कि यह हिन्दुस्तान का सबसे महंगा घर है। इसकी लागत दस हजार करोड़ रुपए से भी अधिक बताई जाती है।)
हटाएंजंगल, जमीन और एंटालिका के बीच से गुजरते हुए यादों को सहेजना, महसूस करना, खुद से जुड़ते चले जाना अपने वजूद को तलाशते रहने की लम्बी प्रक्रिया है।
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