रविवार, 18 सितंबर 2011

सफर में


                                                                            फोटो : राजेश उत्‍साही 
जाते हुए
रोज के सफर पर, अक्‍सर
हम ढूंढते हैं ऐसी जगह
जहां बैठी हो कोई सुंदर स्‍त्री

किसी भी तरह
प्रयत्‍न करते हैं
उसके सामने बैठने
या खड़े होने का
ताकि निहार पाएं उसे
सेंक पाएं अपनी आंखें

थोड़ी ही देर में
शुरू होता है मानसिक मैथुन
रेंगना शुरू कर देते हैं
उसकी देह पर

खो जाते हैं
एक कल्‍पनातीत संसर्ग में
काटकर उसे
उसकी दुनिया से ले आना
चाहते हैं अपने साथ

संभव है
वह मां हो दो प्‍यारे-प्‍यारे
बच्‍चों की
हमसे कहीं अधिक
सुंदर मनोहर जीवन साथी हो
उसका
करता हो उसे स्‍नेह बेशुमार
तमाम परिजनों से भरा-पूरा
परिवार हो उसका

या कि यातना
भोग रही हो अपने जीवन में
रोज तिल-तिल मरकर

हमें
इससे क्‍या
हम तो भोगना चाहते हैं
उसे पल दो पल
बनाना चाहते हैं
सपनों की साम्राज्ञी
न्‍यौछावर करना चाहते हैं
अपना जीवन
या कि हवस?
0 राजेश उत्‍साही

16 टिप्‍पणियां:

  1. उफ़ ………एक कटु सत्य बयान कर दिया।

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  2. अद्भुत गुरुदेव!! बस इसके सिवा कोई शब्द नहीं!!

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  3. हर शब्‍द में गहनता है ...एक हकीकत बयां करती अभिव्‍यक्ति ।

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  4. मानव स्वाभाव की विसंगतियों की विवेचना करती रचना.. उम्मीद है कुछ तो शर्म आएगी..
    कोटि..कोटि धन्यवाद.

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  5. मन के कुक्कुर पने की सच्ची तश्वीर खींची है आपने।

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  6. यथार्थपरक रचना.... हार्दिक बधाई।

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  7. मानसिकता को उजागर करती यथार्थ परक रचना ...

    संगर्स शब्द शायद संसर्ग होना चाहिए था ..

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  8. शुक्रिया संगीता जी। आप सही कह रही हैं मैं संसर्ग ही वहां लिखना चाह रहा था, जिसका अर्थ होता है मिलन,निकटता या फिर संपर्क ।

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  9. मुझे आपकी कविता अच्छी लगी और उससे भी ज्यादा सामाजिक दृष्टि से प्रासंगिक लगी ...

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  10. मानवीय फितरत का नंगा सच बयान कर दिया आपने राजेश भाई !
    शुभकामनायें आपको !

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  11. प्रणाम !
    एक वो भी समय था जब गुरु एक बालक को अपना शिष्य बनाने के लिए अजानता कि गुफाओं में भजती थे तब और आज में कितना फर्क है . हर पुरुष के मन में ये भाव उत्पन होते होंगे .. वाकई एक बोल्ड कविता है .. मगर एक बात जाननी चाहूंगा कि '' क्या आप के मन में ये काव्य भाव फोटो देख के आया या पहले ही इसका सृजन हो गया था ,,,,,kshama इस प्रशन के लिए .. मगर badhai ! इस रचना के लिए
    sadhuwad
    सादर

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  12. KOOCHH-KOOCHH HOTA HAI. SMS UDAY TAMHANEY.BHOPAL.TO 9200184289

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गुलमोहर के फूल आपको कैसे लगे आप बता रहे हैं न....

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