एक खास पेन
खो गया है
पता नहीं खास वह
क्यों है?
इसलिए क्योंकि पारकर था
या कि
दिया था किसी खास ने?
हां इतना पता है
कि एक याद है वह !
याद
कि किसी से इक्कीसवें बसंत
पर मिला उपहार
याद
कि परीक्षा में होकर पास
पाया होगा आर्शीवाद
याद
कि लिखा होगा उससे ही
पहला प्रणय निवेदन
याद
कि लिखा गया होगा उससे ही
जिन्दगी का खासमखास फैसला
याद
कि रहता होगा जेब में
दिल के पास
दिल के पास
पेसमेकर की तरह
जो भी हो
है वह खास पेन
इससे कोई फर्क नहीं पड़ता
कि वह पारकर है
या पार किया हुआ
या कि दिया है किसी खास ने।
या कि दिया है किसी खास ने।
इसलिए
मैरून कलर का वह पेन
जिस किसी को भी मिले
लौटाए सही सलामत
उसे खोने वाले को
ताकि बनी रहे
वह खास याद !
0 राजेश उत्साही
kyonki diya tha kisi khaas ne .... aur tabhi uska khona achha nahi lagta
जवाब देंहटाएंपेन पर इतनी रोमांटिक कविता .. बहुत सुन्दर... कविता में प्रेम की परिपक्वता है.. कहीं भी भाषा और संरचना की दृष्टि से कविता छलक नहीं रही...
जवाब देंहटाएंपेन से जुड़ी याद ...बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति ।
जवाब देंहटाएंaapki khas yaad ko najar na lage..jarur milegee bhaiya..:)
जवाब देंहटाएंkya kahne hain aapke...! ek dum se PEN ko dil se laga liya aapne!! jarur nima bhabhi ne diya tha:D
जो भी यादो से जुडा होगा उसका ऐसा ही भीना भीना अहसास होगा।
जवाब देंहटाएंदर्द पेन के नहीं यादों के खोने का है। यादों की निशानी के खोने का है।
जवाब देंहटाएंअच्छी कविता।
पेन से जुड़े हर अहसास को करीने से संजोया है...
जवाब देंहटाएंआज पहली दफा गुलमोहर के फूलों के करीब आया, जनाब बहुत बेहतर लिखते हैं आप...
जवाब देंहटाएंअच्छी रही पेन(Pen) के माध्यम से यादों के पेन (Pain) की यात्रा.. लेकिन जो इतनी प्यारी वस्तु थी, वह खो कैसे गईं!!
जवाब देंहटाएंऔर बताते हैं कि उस पेन की निब सोने की होती थी! मेरे बेटे ने अभी तक सँजोकर रखा है अपने परदादा का वो पेन.. पारकर 51!
इन यादों ने तो उस पेन को और भी मूल्यवान बना दिया है!!जल्द ही वो आपको मिल जाये यही कामना करते हैं!!
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को एक ब्लॉग व्यवस्थापक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंजो भी हो
जवाब देंहटाएंहै वह खास पेन
इससे कोई फर्क नहीं पड़ता
कि वह पारकर है
या पर किया हुआ
........... है तो मैरून कलर का ही न ?
हर हाल में आप रखकर भूल गए हैं दिल के पास!
कविता में पेन का अच्छा प्रयोग।
pen ke bahane bahut sari yadon ko ukera aapne...
जवाब देंहटाएंजो भी हो है वह खास पेन
जवाब देंहटाएंइससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि
पारकर है
या पार किया हुआ
...पार किया हुआ के स्थान पर
पारकर है या
दिया था किसी खास ने..ही सही रहता।
मेरे विचार से ..पार किया हुआ.. कविता के वज़न को कम कर रहा है।
मित्रों आभार आप सबका कि आपने कविता पर अपनी प्रतिक्रिया दर्ज की ।*
जवाब देंहटाएंदो बातें । पहली तो यह कि यह पेन मेरा यानी कवि का नहीं था। पेन मेरे एक मित्र का खोया था। दूसरी बात कि कविता का रचनाकाल 2000 के आसपास का है।
*
देवेन्द्र भाई आप सही कह रहे हैं। पर किसी खास ने दिया था यह भी पक्का नहीं है। और पेन किसी खास का भी हो सकता है जिसे पार किया गया है। बहरहाल आपने इस पंक्ति पर ध्यान दिलाया तो मैं इसमें खास होने वाली पंक्ति भी जोड़े दे रहा हूं।
साब जी,
जवाब देंहटाएंये जो पेसमेकर की उपमा दी है ना!
बस........ आनंद! आनंद! आनंद!
आशीष
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लम्हा!!!
वाह भई वाह ! आनंद आ गया !
जवाब देंहटाएंsunder prastuti...........
जवाब देंहटाएंwaise mai puri kosis karunga ki aapka pen aapko sahi salamt mil jaye.
पेन... वो भी बहुत खास...
जवाब देंहटाएंपूरी दुआ करूँगीं की वो पेसमेकर वापस अपनी जगह पर आ जाए...
मुझे मिला तो लौटा दूंगीं...
बहुत सुन्दर विज्ञापन है खोया हुआ पेन पर ... पर आपने बहुत देर से डाला ... जो पेन साल २००० में खोया है वो अब वापस मिलने वाला नहीं है :)
जवाब देंहटाएंRAJESH JI,
जवाब देंहटाएंPEN KE BAHANE KAVITA KI HAI.
YA
KAVITA KE BAHANE PEN KI CHARCHA KI HAI.
UDAY TAMHANEY.
BHOPAL.
9200184289